Pankaj Tripathi Top 5 Webseries
बॉलीवुड में अपनी दमदार एक्टिंग से धूम मचाने वाले पंकज त्रिपाठी आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। वह हर किरदार को बखूबी निभाते हैं, फिर चाहे वह एक कॉमन मैन का हो या फिर किसी गुटके सरगना का। उनकी शानदार परफॉर्मेंस का जादू सिनेमाघरों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि वेब सीरीज की दुनिया में भी उन्होंने अपना लोहा मनवा लिया है।
आज हम पंकज त्रिपाठी की ऐसी ही 5 बेहतरीन वेब सीरीज के बारे में बात करेंगे, जिन्होंने उन्हें वेब सीरीज के बेताज बादशाह का खिताब दिलाया है। इन सीरीज में उनकी शानदार एक्टिंग देखने के बाद आप भी उनके फैन हो जाएंगे, अगर अभी नहीं हैं तो।
Pankaj Tripathi Top 5 Webseries
1: Gangs of Wasseypur (2012)
फिल्म की कहानी: सच्चाई और कल्पना का मिश्रण
Storyline
यह फिल्म मुख्य रूप से झारखंड के धनबाद क्षेत्र में हुए वास्तविक जीवन के गैंगवारों पर आधारित है। हालांकि, फिल्म में कुछ महत्वपूर्ण अंतर भी हैं जो वास्तविक घटनाओं से हटकर कल्पना की उड़ान भरते हैं।
सबसे प्रमुख अंतर है फैज़ल खान (जो फिल्म में फहीम खान के किरदार पर आधारित है) का चरमोत्कर्ष में मृत्यु होना। वास्तविक जीवन में, फहीम खान आज भी जीवित हैं। इसके अलावा, फिल्म में कुछ अन्य घटनाओं और किरदारों को भी काल्पनिक रूप दिया गया है ताकि कहानी को अधिक रोमांचक और मनोरंजक बनाया जा सके।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि फिल्में मनोरंजन का माध्यम होती हैं, और हमेशा सटीक ऐतिहासिक दस्तावेज नहीं होतीं। इस फिल्म का आनंद लेने के लिए, दर्शकों को वास्तविकता और कल्पना के बीच अंतर समझना चाहिए।
यहां कुछ अन्य बिंदु दिए गए हैं जिन पर ध्यान दिया जा सकता है:
- फिल्म में धनबाद के गैंगवारों के क्रूर और हिंसक स्वरूप को दर्शाया गया है।
- यह फिल्म सामाजिक-आर्थिक विषयों को भी उजागर करती है जो अक्सर इस तरह की हिंसा का कारण बनते हैं।
- फिल्म में शानदार अभिनय और निर्देशन है, जो दर्शकों को बांधे रखता है।
कुल मिलाकर, यह फिल्म एक मनोरंजक और विचारोत्तेजक कृति है जो दर्शकों को भारत के एक अंधेरे अध्याय से परिचित कराती है। हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि फिल्म पूरी तरह से सटीक नहीं है और दर्शकों को इसे मनोरंजन के रूप में लेना चाहिए।
2: Mirzapur (2018)
आपको मिर्ज़ापुर देखनी चाहिए यह एक जबरदस्त वेब सीरिज है इसके आब तक 2 सीजन आ चुके है यह आपको Amazon Prime पर देखने के लिए मिल जाएगी तो आईये जानते है Mirzapur के बारे में.
मिर्ज़ापुर: लालच और शक्ति का घातक खेल
Storyline
अखंडानंद त्रिपाठी, एक कट्टर लौह-प्रेमी, करोड़पति कालीन निर्यातक और मिर्ज़ापुर का निर्विवाद माफिया डॉन है। उनका बेटा, मुन्ना, महत्वाकांक्षी और सत्ता का भूखा, अपने पिता की विरासत हासिल करने के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। एक शादी के जुलूस में एक अप्रत्याशित घटना उसे प्रतिष्ठित वकील रमाकांत पंडित और उनके बेटों, गुड्डु और बब्लू से टकराती है।
यह मुलाकात धीरे-धीरे महत्वाकांक्षा, शक्ति और लालच के एक घातक खेल में बदल जाती है, जो मिर्ज़ापुर के अराजक शहर के ताने-बाने को खतरे में डाल देता है।
मुख्य पात्र:
- अखंडानंद त्रिपाठी: मिर्ज़ापुर का माफिया डॉन
- मुन्ना: अखंडानंद का महत्वाकांक्षी बेटा
- रमाकांत पंडित: प्रतिष्ठित वकील
- गुड्डु: रमाकांत का बड़ा बेटा
- बब्लू: रमाकांत का छोटा बेटा
कहानी:
मुन्ना, अपने पिता की विरासत हासिल करने की अंधी चाहत में, लापरवाह और क्रूरता से काम लेता है। एक दिन, वह एक शादी के जुलूस पर हमला करता है, जिससे रमाकांत पंडित के परिवार के साथ उसकी टकराव हो जाता है।
गुड्डु, रमाकांत का बड़ा बेटा, एक ईमानदार पुलिस अधिकारी है जो मिर्ज़ापुर में अपराध को मिटाने के लिए संघर्ष कर रहा है। बब्लू, रमाकांत का छोटा बेटा, एक महत्वाकांक्षी वकील है जो अपने पिता की विरासत को आगे बढ़ाना चाहता है।
इन सभी पात्रों के बीच टकराव और साज़िशों का जाल बिछ जाता है, जो मिर्ज़ापुर के भविष्य को निर्धारित करेगा।
मिर्ज़ापुर:
- एक अंधेरे और हिंसक शहर की कहानी
- महत्वाकांक्षा, शक्ति और लालच का घातक खेल
- शानदार अभिनय और निर्देशन
- दर्शकों को बांधे रखने वाली एक रोमांचक कहानी
यह वेब सीरीज उन दर्शकों के लिए जरूर देखनी चाहिए जो:
- अपराध और थ्रिलर से प्यार करते हैं
- जटिल किरदारों और कहानियों का आनंद लेते हैं
- भारत के अंधेरे अंडरवर्ल्ड की झलक चाहते हैं
3: Criminal Justice: Adhura Sach (2019)
Pankaj Tripathi की ये वेब सीरिज भी आपको बहुत ही मनोरंजक लगने वाली है थ्रिलर से भरपूर है ये आपको hotstar पर देख्नने को मिल जाएगी तो आइये जानते है इस वेब सीरिज के बारे में.
मुकुल आहूजा: क्या वह हत्यारा है?
Storyline
कहानी:
मुकुल आहूजा, एक अमीर परिवार का बिगड़ैल बेटा, ज़ारा आहूजा, अपनी सौतेली बहन और एक बाल कलाकार के साथ झगड़ा करता है। अगले दिन, ज़ारा लापता हो जाती है और उसका शव समुद्र में पाया जाता है। सभी परिस्थितिजन्य साक्ष्य मुकुल की ओर इशारा करते हैं, जिसे गिरफ्तार कर लिया जाता है।
लोक अभियोजक लेखा, मुकुल को दोषी ठहराने के लिए दृढ़ है, जबकि ज़ारा के माता-पिता माधव मिश्रा, एक अनुभवी वकील, को अपनी बेटी की बेगुनाही साबित करने के लिए नियुक्त करते हैं।
मुख्य पात्र:
- मुकुल आहूजा: अवंतिका और अरविंद आहूजा का बिगड़ैल बेटा, नीरज आहूजा का सौतेला बेटा
- ज़ारा आहूजा: नीरज की बेटी, एक बाल कलाकार
- लेखा: लोक अभियोजक
- माधव मिश्रा: ज़ारा के माता-पिता द्वारा नियुक्त बचाव पक्ष के वकील
मुख्य बिंदु:
- क्या मुकुल ने अपनी सौतेली बहन की हत्या की?
- क्या कोई अन्य संदिग्ध है?
- क्या माधव मिश्रा मुकुल को बरी कर पाएंगे?
- लेखा किस हद तक जाकर मुकुल को दोषी ठहराएगी?
यह कहानी:
- अपराध, रहस्य और कानूनी ड्रामा से भरपूर है
- जटिल पात्रों और नैतिक दुविधाओं का पता लगाती है
- दर्शकों को बांधे रखने वाली एक रोमांचक कहानी प्रस्तुत करती है
यह वेब सीरीज उन दर्शकों के लिए जरूर देखनी चाहिए जो:
- अपराध थ्रिलर से प्यार करते हैं
- जटिल कहानियों और चरित्र चित्रण का आनंद लेते हैं
- भारतीय कानूनी प्रणाली के बारे में जानना चाहते हैं
4: Masaan (2015)
Storyline
पवित्र गंगा, जीवन की धारा, अपने तटों पर दो आत्माओं की तलाश की कहानी बुनती है। एक नींद से भरे शहर में, इसके सख्त मकान रूढ़िवादी वास्तुकला को दर्शाते हैं, जो छोटे शहर की दम घोटने वाली उम्मीदों को दर्शाते हैं। आकाश और उसकी किशोरी बेटी, माया, ऊँची दीवारों से घिरे हुए थे, जो उनके सपनों को दबा देती थीं। माया को जीवंत रंगों की लालसा थी, उसका कलाकार दिल बेज की दीवारों से परे स्वतंत्रता के लिए तरस रहा था। आकाश, एक लेखक, खुद को शहर की संकीर्ण सोच से दबा हुआ महसूस करता था। गंगा, अपनी निरंतर बहने वाली गतिशीलता के साथ, शहर की दम घोटने वाली पकड़ से परे एक दुनिया के वादे फुसफुसाती है।
इसी दौरान, नदी के नीचे एक अलग धुन बजती है। एक तेजतर्रार ब्राह्मण लड़की, अंजलि, और एक आकर्षक दलित लड़का, रोहन, घाटों के पास पल चुराते थे। उनका प्यार, एक वर्जित सिम्फनी, नदी की चौकस निगाहों के नीचे खिली। चुराई हुई नज़रें और फुसफुसाते हुए वार्तालाप ही उनका एकमात्र आराम थे। गंगा, अनगिनत प्रेम कहानियों की साक्षी, उनकी एक भविष्य के लिए तरस को समझती थी जो जाति से बंधे हुए न हो।
जैसा कि भाग्य होता है, दोनों रास्ते इलाहाबाद में पवित्र संगम – गंगा और यमुना नदियों के संगम तक ले गए। आकाश, एक नई कहानी के लिए प्रेरणा की तलाश में, और अंजलि, अपने परिवार के साथ तीर्थयात्रा पर, खुद को संगम की ऊर्जावान अराजकता में पाया। माया, एक नए आत्मविश्वास से उत्साहित होकर, संगम के चहल-पहल वाले बाजार में अपनी कला का प्रदर्शन करने का फैसला करती है। रोहन, एक जानी-पहचानी आवाज के माधुर्य से खींचा हुआ, माया के स्टॉल पर पहुँच गया, उसकी जीवंत पेंटिंग्स से मंत्रमुग्ध हो गया।
उस पवित्र संगम में, मंत्रों और प्रार्थनाओं के कोलाहल के बीच, उनकी नियति आपस में जुड़ी हुई थी। आकाश, अंजलि के शांत विद्रोह से प्रभावित होकर, अपने लेखन के लिए एक नया दृष्टिकोण पाया। माया ने, रोहन की प्रशंसा में, एक ऐसा भविष्य देखा जहां उसकी कला सांस ले सके। प्यार, अपने शुद्धतम रूप में, उन कठोर सामाजिक संरचनाओं को ख़त्म कर दिया, जिन्होंने उन्हें सीमित करने की कोशिश की।
गंगा, मौन पर्यवेक्षक, उनकी कहानियों को आगे ले गई, नदी की एकजुट करने और परिवर्तन को प्रेरित करने की शक्ति का एक प्रमाण। जैसे ही उन्होंने संगम छोड़ा, उनके दिल हल्के हो गए, वे अपने भीतर नदी के माधुर्य को ले गए – प्रेम, स्वतंत्रता और रंगों के एक जीवंत स्पर्श में उकेरे भविष्य का वादा।
5: Main Atal Hoon (2024)
Storyline
अटल जी की अनकही कहानी: एक झलक उनके सफ़र की
फिल्म हमें एक युवा अटल के पास ले जाती है, जो पूर्व-स्वतंत्र भारत (1930 के दशक के अंत) में एक शर्मीला स्कूली छात्र है। हम उनकी सार्वजनिक बोलने से जूझते हुए देखते हैं, एक डर जिसे वह अपने पिता, कृष्ण बिहारी वाजपेयी (पियुष शर्मा द्वारा अभिनीत) को बताते हैं। उनके पिता, एक बुद्धिमान व्यक्ति, वक्तृत्व पर एक जीवन-परिवर्तन मंत्र देते हैं, जिसमें विश्वास बनाने में आंखों के संपर्क की शक्ति पर जोर दिया जाता है। यह सरल सी सलाह अटल की भविष्य की सफलता की आधारशिला बन जाती है।
कड़ी मेहनत, निष्ठा और लेखन के जुनून से प्रेरित होकर, अटल सेवा का जीवन चुनते हैं। कॉलेज के दिनों में प्यार पनपता है, लेकिन राष्ट्र के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को प्राथमिकता मिलती है। उनके पिता, अपने बेटे के संकल्प की ताकत को पहचानते हुए, अंततः अटल के संघ (RSS) के सशक्तिकरण के लिए खुद को पूरी तरह समर्पित करने के फैसले का समर्थन करते हैं, जिससे अविवाहित जीवन की ओर अग्रसर होते हैं।
अटल के नेतृत्व गुणों और प्रभावी क्षमताओं को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। संघ उन्हें श्यामा प्रसाद मुखर्जी (आज की BJP के जनक माने जाते हैं) द्वारा स्थापित भारतीय जनसंघ नामक राजनीतिक दल में शामिल होने के लिए भेजता है। फिल्म एक हिंदू राष्ट्रवादी नेता के रूप में अटल के उदय को दर्शाती है, जो एकजुट और मजबूत भारत की वकालत करता है। वह जाति या धर्म के भेदभाव के बावजूद सभी के लिए समान अधिकारों और प्रगति का समर्थन करता है। अटल अपने प्रभावशाली शब्दों और लेखन का इस्तेमाल राष्ट्र को एकजुट करने के लिए करते हैं, सत्तारूढ़ कांग्रेस पार्टी के खिलाफ एक प्रमुख आवाज बन जाते हैं।
अपने पूरे राजनीतिक करियर के दौरान, अटल ने नेहरू, इंदिरा गांधी और वीपी सिंह जैसे प्रमुख कांग्रेसी नेताओं द्वारा लिए गए फैसलों की कड़ी आलोचना की। फिल्म श्यामा प्रसाद मुखर्जी और दीन दयाल उपाध्याय जैसे प्रमुख नेताओं की संदिग्ध मौतों को चित्रित करने से पीछे नहीं हटती है। फिर भी, अटल अडिग रहते हैं। वह पुलिस की क्रूरता, उत्पीड़न और कारावास को सहन करते हैं, उनकी अडिग भावना उनकी सत्ता में वृद्धि को बल देती है। उनकी लचीलापन अंततः उन्हें भारत के पहले गैर-कांग्रेसी प्रधान मंत्री बनने के लिए प्रेरित करता है।
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