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India Nitrous Oxide Emissions Ranking 2024: भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जक :-

India Nitrous Oxide Emissions Ranking

India Nitrous Oxide Emissions Ranking

India Nitrous Oxide Emissions Ranking

India Nitrous Oxide Emissions Ranking: भारत पूरे विश्व में दूसरे स्थान पर नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) का सबसे बड़ा स्रोत हैं। जो एक ग्रीन हाउस गैस हैं, जो कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में वायुमंडल को कही अधिक गर्म करती है। वर्ष 2020 में ऐसे मानव निर्मित उत्सर्जनों में 11% भारत से था। तथा 16% चीन से था। 16 जून को earth system science डेटा जनरल में प्रकाशित N2O उत्सर्जन के वैश्विक आकलन के अनुसार , इन उत्सर्जनों का प्रमुख् स्रोत उर्वरक का उपयोग हैं।

Data and report : डेटा और रिपोर्ट :-

रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी सबसे महत्त्वपूर्ण ग्रीन हाउस गैस N2O की वायुमंडलीय सांद्रता जलवायु परिवर्तन पर अंतर – सरकारी पैनल (IPCC) उत्सर्जन परिदृश्यो द्वारा की तुलना में तेजी से बढ़ रही है। 2022 में सांद्रता 336 भाग प्रति बिलियन तक पहुंच गई , जो पूर्व- औद्योगिक स्तरो से 25% अधिक है

जो आईपीसीसी की भविष्यवाणियो से कहीं अधिक है। जबकि मानवीय गतिविधियों (जीवाश्म और भूमि उपयोग परिवर्तन) से होने वाला वैश्विक कार्बन डाइऑक्साइड पिछले दशक मैं स्थिर रहा है। वैश्विक N2O में उत्सर्जन में वृद्धि जारी है। जिसका मुख्य कारण खाद्य उत्पादन है। 2020 में मानव जनित N2O उत्सर्जन की मात्रा के हिसाब से शीर्ष पांच उत्सर्जक देश चीन (16.7%) ,भारत (10.9%) , संयुक्त राष्ट्र अमेरिका (5.7%), ब्रांजिल (5.3%), और रूस (4.9%) थे।

 Nitrogen fertilizers are harmful to everyone: नाइट्रोजन उर्वरक सभी के लिए हानिकारक: –

India Nitrous Oxide Emissions Ranking: पिछले चार दशकों में मानवीय गतिविधियों में N2O उत्सर्जन में 40% (प्रति वर्ष 3 मिलियन metric ton N2O) की वृद्धि हुई है, 2020 और 2022 के बीच वृद्धि दर 1980 के बाद  से किसी भी पिछली अवधि की तुलना में अधिक है ,

जब विश्वनीय माप शुरु हुए थे। पिछले दशक में अमोनिया और पशु खाद्य जैसे नाइट्रोजन उर्वरकों का प्रयोग करने वाले कृषि उत्पादनों ने कुल मानवजनित N2O उत्सर्जन में 74% योगदान दिया है। मानवीय गतिविधियों से उत्पन्न N2O उत्सर्जन ग्रीनहाउस गैसों के प्रभावी विकिरण के बल 6.4 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार है। तथा इसने वैश्विक तापमान में लगभग 0.1 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि की है।

पिछले दशक में वायुमंडलीय N2o की सांद्रता आईपीसीसी द्वारा प्रयुक्त सबसे निराशावादी, उदाहरणात्मक भविष्य के ग्रीन हाउस गैस प्रक्षेप पथ से अधिक हो गई है, जिसके कारण इस सदी के अंत तक वैश्विक औसत तापमान 3 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक हो जाएगा।

Effect of nitrous oxideनाइट्रस ऑक्साइड का प्रभाव: –

एक बार उत्सर्जित होने के बाद N2O औसत मानव जीवन काल (117वर्ष) से अधिक समय तक वायुमंडल में रहता है। इसलिए इसका जलवायु और ओजोन पर प्रभाव लंबे समय तक रहता है। N2O उत्सर्जन के अलावा, सिंथेटिक नाइट्रोजन उर्वरकों और पशु खाद के अकुशल उपयोग से भूजल , पेयजल और अंतर्देशीय एवं तटीय जल का भी प्रदूषण होता है।

India Nitrous Oxide Emissions Ranking

 The reason behind of emission: उत्सर्जन के पीछे का कारण: –

मांस और डेयरी उत्पादों की बढ़ती मांग खाद उत्पादन को बढ़ावा दिया है। खाद उत्पादन को बढ़ावा देकर इन उत्सर्जनों को और बढ़ा दिया है। इसी तरह पशु आहार उत्पादन में नाइट्रोजन उर्वरकों के उपयोग ने इस प्रवृति को और बढ़ावा दिया है। जबकि कृषि से उत्सर्जन में वृद्धि जारी है। जीवाश्म ईंधन और रसायनों जैसे अन्य क्षेत्र से उत्सर्जन वैश्विक स्तर पर काम या स्थिर हो गया है।

 What are the source of nitrous oxide:नाइट्रस ऑक्साइड के स्रोत क्या है:-

India Nitrous Oxide Emissions Ranking: नाइट्रस ऑक्साइड मोबाइल और स्थिर स्रोतों में ईंधन दहन का एक उप – उत्पाद है। जब कोई जीवाश्म ईंधन जलाया जाता है तो ईंधन और आसपास के हवा में मौजूद नाइट्रोजन  का कुछ हिस्सा आक्सीकृत हो जाता है। जिससे नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन होता है। स्थिर उत्सर्जन का अधिकांश हिस्सा कोयला आधारित बिजली संयंत्रों से आता है।

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FAQ (Frequently Asked Questions)

1. भारत नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन में कौन से स्थान पर है?

भारत नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) उत्सर्जन में विश्व में दूसरे स्थान पर है।

2. नाइट्रस ऑक्साइड (N2O) क्या है और यह क्यों महत्वपूर्ण है?

नाइट्रस ऑक्साइड एक ग्रीनहाउस गैस है, जो कार्बन डाइऑक्साइड की तुलना में वायुमंडल को अधिक गर्म करती है। इसका उत्सर्जन जलवायु परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

3. वर्ष 2020 में भारत से नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन का कितना प्रतिशत था?

वर्ष 2020 में वैश्विक मानव निर्मित नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जनों में से 11% भारत से था।

4. नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन का प्रमुख स्रोत क्या है?

नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन का प्रमुख स्रोत उर्वरक का उपयोग है।

5. नाइट्रस ऑक्साइड के उत्सर्जन से वायुमंडलीय सांद्रता पर क्या प्रभाव पड़ा है?

2022 में नाइट्रस ऑक्साइड की वायुमंडलीय सांद्रता 336 भाग प्रति बिलियन तक पहुंच गई, जो पूर्व-औद्योगिक स्तरों से 25% अधिक है।

6. नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन में कौन से देश शीर्ष पांच में हैं?

वर्ष 2020 में मानव जनित नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन की मात्रा के हिसाब से शीर्ष पांच उत्सर्जक देश थे:

  1. चीन (16.7%)
  2. भारत (10.9%)
  3. संयुक्त राष्ट्र अमेरिका (5.7%)
  4. ब्राजील (5.3%)
  5. रूस (4.9%)

7. नाइट्रस ऑक्साइड का उत्सर्जन कितने समय तक वायुमंडल में रहता है?

नाइट्रस ऑक्साइड औसत मानव जीवन काल (117 वर्ष) से अधिक समय तक वायुमंडल में रहता है।

8. नाइट्रस ऑक्साइड के उत्सर्जन के पीछे का मुख्य कारण क्या है?

मांस और डेयरी उत्पादों की बढ़ती मांग और खाद उत्पादन के लिए नाइट्रोजन उर्वरकों का उपयोग मुख्य कारण हैं।

9. नाइट्रस ऑक्साइड उत्सर्जन के मुख्य स्रोत क्या हैं?

नाइट्रस ऑक्साइड का उत्सर्जन मुख्य रूप से उर्वरकों, पशु खाद, कोयला आधारित बिजली संयंत्रों और जीवाश्म ईंधन के दहन से होता है।

10. नाइट्रोजन उर्वरकों के उपयोग से क्या अन्य प्रभाव होते हैं?

नाइट्रोजन उर्वरकों के उपयोग से भूजल, पेयजल, और अंतर्देशीय एवं तटीय जल का भी प्रदूषण होता है।

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